खाँसी का सिरप जो हर घर की अलमारी में आराम देने के लिए रखा जाता है, कई बार मौत का कारण भी बन चुका है। यह रिपोर्ट सरल भाषा में बताती है कि कहां क्या हुआ, किन सिरपों पर शक उठे, और माता-पिता को क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए।
ग्लोबल अलर्ट और मुख्य निष्कर्ष
2022 में WHO ने अंतरराष्ट्रीय चेतावनी जारी की जब गाम्बिया में दर्ज मामलों की जांच में कुछ खाँसी सिरपों में Diethylene Glycol और Ethylene Glycol जैसे जहरीले सॉल्वैंट मिले। इन रसायनों के कारण बच्चों में तीव्र किडनी फेलियर और मृत्यु हुई। WHO ने कुछ उत्पादों के नाम भी सार्वजनिक किए थे, जिनमें Kofexmalin Baby Cough Syrup और अन्य शामिल थे।
इंडोनेशिया और उज़्बेकिस्तान
गाम्बिया के बाद इंडोनेशिया और उज़्बेकिस्तान में भी बड़े पैमाने पर बच्चों की मौतें सामने आईं। इंडोनेशिया की जाँच में कुछ बॅचों में DEG/EG की सांद्रता बहुत ऊँची मिली। कोर्ट दस्तावेज और जाँच रिपोर्टों ने सप्लाई चेन और कच्चे माल की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठाए।
भारत के मामले - क्या हुआ और कहाँ?
भारत भी इन घटनाओं से प्रभावित रहा है। हालिया वर्षों में कुछ स्थानों पर बच्चों की मौत की खबरें आईं और संबंधित सिरपों की जांचें जारी रहीं। प्रमुख घटनाओं में शामिल हैं:
- जम्मू और कश्मीर: Coldbest-PC सिरप से जुड़ी घटनाओं में रिपोर्टों में 12 बच्चों के मरने की जानकारी मिली और जांच में उस सिरप में DEG की मौजूदगी पाई गई थी।
- मध्य प्रदेश, छिंदवाड़ा (2024): 15 दिनों में 6 बच्चों की मौत। परिवारों ने Coldrif और Nextro-DS का उल्लेख किया। जांच जारी है।
- राजस्थान: Sikar जिले में और अन्य स्थानों पर कुछ बच्चों की मौत के मामले दर्ज हुए। संबंधित बॅचों की लैब जाँच का आदेश दिया गया।

WHO और स्वतंत्र जांचों के नतीजों में कई बॅचों में DEG/EG की मौजूदगी पायी गयी। कुछ केसों में जहरीले सॉल्वैंट की मात्रा इतनी अधिक थी कि सिरप औद्योगिक सॉल्वैंट जैसा नज़र आया। USP और अन्य मानकों के अनुसार glycerin के हर बॅच का टेस्ट अनिवार्य होना चाहिए, पर कभी-कभी यह टेस्ट या तो नहीं होता या ठीक ढंग से नहीं होता।
नियामक और उद्योग की प्रतिक्रिया
भारत और अन्य देशों की स्वास्थ्य संस्थाओं ने सख्त कदम उठाये। एक्सपोर्ट से पहले बॅच टेस्टिंग की आवश्यकता बढ़ायी गयी और कुछ कंपनियों के खिलाफ छापे और नोटिस जारी किये गए। फिर भी, विशेषज्ञ कहते हैं कि सप्लाई चेन की पारदर्शिता और कच्चे माल के प्रमाणित परीक्षण के बिना समस्या पूरी तरह रुकेगी नहीं।
माता-पिता के लिए जरूरी सावधानियाँ
- खाँसी सिरप केवल डॉक्टर की सलाह पर दें।
- बोतल का बैच नंबर और एक्सपायरी चेक करें।
- सस्ते अनब्रांडेड सिरप से बचें।
- यदि दवा के बाद उल्टी, पेशाब बंद होना, अत्यधिक सुस्ती या सांस की दिक्कत दिखे तो तुरंत अस्पताल लेकर जाएँ।
- संदिग्ध बॅच मिलते ही स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकारी को सूचित करें।
निष्कर्ष
खाँसी सिरप से हुई मौतें सिर्फ एक फैक्टरी की गलती नहीं हैं। यह समस्या नियमों के पालन, सप्लाई चेन की जांच और निर्माता की जिम्मेदारी से जुड़ी है। सरकारों को कड़े परीक्षण और पारदर्शिता सुनिश्चित करनी होगी और आम नागरिकों को दवाइयों के चुनाव में सजग रहना होगा। जहाँ तक संभव हो, डॉक्टर की सलाह और प्रमाणित ब्रांड ही चुनें।
स्रोत और संदर्भ: WHO Medical Product Alerts, Reuters जांच रिपोर्ट, स्थानीय भारतीय मीडिया रिपोर्ट।